तेज़ भागती ज़िंदगी में Meditation क्यों ज़रूरी हो गया है?
आज का युग तकनीक और स्पर्धा का है। हर इंसान किसी न किसी लक्ष्य के पीछे दौड़ रहा है। इसलिए, हम सभी अपने दिमाग को थोड़ा विराम देना चाहते हैं। ठीक इसी वजह से, मेडिटेशन एक ऐसा साधन बन गया है जो तनाव, बेचैनी और मानसिक थकावट को कम करता है।
सेलिब्रिटीज भी क्यों अपना रहे हैं मेडिटेशन?
जब मशहूर लोग किसी चीज़ को अपनाते हैं, तो उसका असर समाज पर ज़रूर पड़ता है। यही कारण है कि जैसे-जैसे सेलिब्रिटी मेडिटेशन को अपने जीवन का हिस्सा बना रहे हैं, आम लोग भी इससे प्रेरित हो रहे हैं।
शिल्पा शेट्टी:
“मेडिटेशन मेरी ज़िंदगी का हिस्सा है। इससे मुझे मानसिक स्थिरता मिलती है।”
दीपिका पादुकोण:
“जब मैं डिप्रेशन से गुज़र रही थी, तब मेडिटेशन और मानसिक स्वास्थ्य पर ध्यान देना ही मेरी सबसे बड़ी ताकत बना।”
एरियाना ग्रांडे:
“मेडिटेशन और माइंडफुलनेस ने मुझे मेरे पैनिक अटैक्स से उबरने में मदद की।”
इससे स्पष्ट है कि मानसिक समस्याएं किसी को भी हो सकती हैं — चाहे वह आम व्यक्ति हो या कोई सुपरस्टार। इसलिए, मेडिटेशन अब ग्लैमर और हेल्थ दोनों का हिस्सा बन चुका है।
मेडिटेशन के मुख्य मानसिक फायदे
➡ तनाव में कमी: नियमित ध्यान से शरीर में कोर्टिसोल नामक स्ट्रेस हार्मोन की मात्रा कम होती है।
➡ फोकस और एकाग्रता बढ़ती है: मेडिटेशन से ध्यान केंद्रित करना आसान हो जाता है।
➡ नींद में सुधार होता है: मानसिक रूप से शांत व्यक्ति बेहतर नींद ले सकता है।
➡ भावनात्मक नियंत्रण में सहायता: मेडिटेशन आपको भावनात्मक रूप से मजबूत बनाता है।
➡ डिप्रेशन और एंग्जायटी से राहत: रिसर्च में पाया गया है कि मेडिटेशन डिप्रेशन के लक्षणों को कम करता है।
2025 में मेडिटेशन ट्रेंड क्यों बढ़ा
➡ सबसे पहले, कोविड और उसके बाद की लाइफस्टाइल ने हमें मानसिक स्वास्थ्य की अहमियत समझाई।
➡ इसके अलावा, सोशल मीडिया पर हेल्थ इन्फ्लुएंसर्स और योग गुरुओं ने मेडिटेशन के लाभों को खूब प्रचारित किया।
➡ वहीं, हेल्थ ऐप्स जैसे Calm, Headspace और YouTube चैनलों ने ध्यान लगाना बेहद आसान बना दिया।
➡ साथ ही, स्कूलों, कॉलेजों और ऑफिसों में भी अब “माइंडफुलनेस सेशन” नियमित कराए जा रहे हैं।
➡ अंत में, आत्म-देखभाल (Self-Care) की सोच ने मेडिटेशन को फैशन से आगे बढ़ाकर ज़रूरत बना दिया।
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