Nishikant Dubey को मराठी सांसदों ने संसद में घेरा, ‘जय महाराष्ट्र’ बोलकर निकले बाहर – जानिए पूरा विवाद
महाराष्ट्र में चल रहा हिंदी बनाम Marathi विवाद अब संसद की लॉबी तक पहुंच गया है। Congress सांसद वर्षा गायकवाड़ का कहना है कि मराठी सांसदों ने संसद की लॉबी में भाजपा सांसद निशिकांत दुबे को घेर लिया था।
महाराष्ट्र में जारी हिंदी बनाम मराठी विवाद अब दिल्ली की संसद तक पहुंच गया है। संसद भवन की लॉबी में भाजपा सांसद निशिकांत दुबे और महाराष्ट्र के मराठी सांसदों के बीच तीखी नोकझोंक हुई। कांग्रेस सांसद वर्षा गायकवाड़ ने दावा किया है कि इस दौरान मराठी सांसदों ने निशिकांत दुबे को घेर लिया, और जवाब में दुबे को ‘जय महाराष्ट्र’ कहना पड़ा।
क्या है मामला?
कांग्रेस सांसद वर्षा गायकवाड़ ने इंडिया टीवी से बातचीत में कहा,
“कल संसद की लॉबी में हमने निशिकांत दुबे को रोका और पूछा कि उन्होंने महाराष्ट्र के खिलाफ अपमानजनक बयान क्यों दिया। हमने पूछा – ‘बताओ किस-किस को पटक पटक कर मारोगे?’ महिला सांसदों के तीखे तेवर देखकर वह घबरा गए और बोले – ‘नहीं, नहीं… जय महाराष्ट्र’। इसके बाद वे वहां से निकल गए।
कैसे शुरू हुआ पूरा घटनाक्रम?
गायकवाड़ के मुताबिक दोपहर करीब 12:30 से 1 बजे के बीच मराठी सांसद निशिकांत दुबे को खोज रहे थे। इस दौरान सांसद मनोज तिवारी दिखाई दिए, जिनसे वर्षा गायकवाड़ ने दुबे के बारे में पूछा। तभी दुबे स्वयं आ गए। वहां कांग्रेस की महिला सांसद वर्षा गायकवाड़, प्रतिभा धानोरकर, शोभा बच्छाव समेत कई सांसदों ने घेर कर सवाल पूछे। निशिकांत दुबे ने खुद को सफाई देते हुए कहा, “नहीं-नहीं ऐसा कुछ नहीं है… जय महाराष्ट्र!”
यह पूरा घटनाक्रम संसद की कैंटीन के पास हुआ, जहां बाद में कई अन्य सांसद भी इकट्ठा हो गए।
आखिर क्यों भड़का विवाद?
Hindi बनाम मराठी विवाद कुछ दिनों से महाराष्ट्र में गरमा रहा है। मुंबई में मनसे (MNS) कार्यकर्ताओं द्वारा हिंदी भाषियों से मारपीट के वीडियो सामने आए थे। इस पर प्रतिक्रिया देते हुए भाजपा सांसद निशिकांत दुबे ने तीखा बयान दिया था:
“तुम लोग हमारे पैसों पर पल रहे हो। तुम्हारे पास कौन से उद्योग हैं? अगर तुम्हें हिम्मत है तो तमिल, तेलुगु, उर्दू बोलने वालों को भी मारो। अगर तुम इतने बड़े ‘बॉस’ हो, तो महाराष्ट्र से बाहर निकलो – बिहार, यूपी, तमिलनाडु आओ – ‘तुमको पटक पटक के मारेंगे।’ हम मराठी और महाराष्ट्र का सम्मान करते हैं, जिन्होंने आज़ादी की लड़ाई लड़ी, लेकिन बीएमसी चुनाव को लेकर राज ठाकरे और उद्धव ठाकरे ओछी राजनीति कर रहे हैं।”
दुबे ने यह भी कहा कि अगर उनमें हिम्मत है तो माहिम दरगाह जाकर हिंदी या उर्दू बोलने वालों पर हमला करें।



