China के अरबपति ने खाया ₹52 करोड़ का केला: जानिए क्या है पूरी कहानी
चीनी अरबपति ने खाया ₹52 करोड़ का केला: जानिए क्या है पूरी कहानी
केले को हम सभी एक आम फल मानते हैं। इसकी कीमत कुछ रुपये से ज्यादा नहीं होती। लेकिन अगर कोई कहे कि एक साधारण सा केला 52 करोड़ रुपये में बेचा गया है, तो इसे सुनकर यकीन करना मुश्किल होगा। हाल ही में न्यूयॉर्क में हुई एक नीलामी में ऐसा ही हुआ, जहां एक टेप से दीवार पर चिपकाए गए केले की कलाकृति ने 6.2 मिलियन डॉलर यानी करीब 52 करोड़ रुपये की कीमत हासिल की।
नीलामी में चर्चा का विषय बना केला
इस अनोखे केले को इटली के मशहूर कलाकार मौरिजियो कैटेलन ने तैयार किया था। यह आर्टवर्क पहली बार 2019 में आर्ट बेसल मियामी बीच में प्रदर्शित किया गया था। तब से यह कलाकृति “कॉमेडियन” के नाम से चर्चित है। इसे दीवार पर चिपकाए गए केले और चांदी की डक्ट टेप के साथ प्रस्तुत किया गया। कलाकार का कहना था कि यह कला और उपभोक्तावाद का प्रतीक है, लेकिन सोशल मीडिया पर इसे लेकर लोगों की राय बंटी रही।
कुछ लोगों ने इसे गहराई से समझने की कोशिश की, तो कुछ ने इसे मज़ाकिया और अतार्किक करार दिया। हाल ही में यह कलाकृति तब और चर्चा में आ गई, जब चीनी क्रिप्टोकरेंसी कारोबारी जस्टिन सन ने इसे नीलामी में खरीदा और बाद में इस केले को खा लिया।
बोली लगने की प्रक्रिया
नीलामी की शुरुआत 800,000 डॉलर से हुई थी, लेकिन कुछ ही मिनटों में इसकी कीमत आसमान छूने लगी। बोली 1 मिलियन डॉलर से बढ़कर 5 मिलियन डॉलर तक पहुंच गई। नीलामी के दौरान माहौल इतना रोचक हो गया कि लोग हैरान थे कि आखिर एक साधारण केले के लिए इतनी बड़ी रकम क्यों लगाई जा रही है।
आखिरकार, नीलामीकर्ता ओलिवर बार्कर ने 5.2 मिलियन डॉलर की अंतिम बोली पर हथौड़ा मारा। इस बोली के बाद खरीदार को 1 मिलियन डॉलर अतिरिक्त फीस भी देनी पड़ी। इस तरह कुल कीमत 6.2 मिलियन डॉलर यानी लगभग 52 करोड़ रुपये हो गई।
क्या खास था इस केले में?
अगर आप सोच रहे हैं कि इस केले में कुछ खास होगा, तो ऐसा नहीं है। यह कोई विशेष प्रजाति का केला नहीं था। यह एक साधारण केला था, जिसे टेप से चिपकाया गया था। इसके पीछे की खास बात यह थी कि यह एक “कंसेप्चुअल आर्टवर्क” था, जो उपभोक्तावाद और कला के प्रति लोगों की सोच को चुनौती देने का प्रयास था।
कला के इस रूप को समझना सभी के लिए आसान नहीं होता। जहां एक तरफ कुछ लोग इसे आधुनिक कला का अद्भुत नमूना मानते हैं, वहीं दूसरी तरफ कुछ लोग इसे मूर्खतापूर्ण और धन का दुरुपयोग मानते हैं।
सोशल मीडिया पर प्रतिक्रियाएं
जब यह खबर सोशल मीडिया पर फैली, तो इसे लेकर तरह-तरह की प्रतिक्रियाएं आईं। कुछ लोगों ने इसे “बेवकूफी” करार दिया, तो कुछ ने कहा कि इतना पैसा खर्च करने वाले को कला की गहरी समझ है।
- एक यूजर ने लिखा, “इतना पैसा अगर गरीबों की मदद में लगाया जाता, तो दुनिया बदल सकती थी।”
- वहीं दूसरे ने मजाक में कहा, “अब तक मैंने केले को सिर्फ खाने के लिए इस्तेमाल किया, कला बनाने के लिए नहीं।”
जस्टिन सन का फैसला और विवाद
इस केले को खरीदने वाले जस्टिन सन पहले भी अपनी क्रिप्टोकरेंसी और अन्य गतिविधियों के लिए चर्चा में रह चुके हैं। उन्होंने इस आर्टवर्क को खरीदने के बाद इसे खाने का फैसला किया, जिससे यह मामला और भी रोचक बन गया। हालांकि, उन्होंने इस पर कोई पछतावा नहीं जताया और इसे “अभिव्यक्ति का हिस्सा” बताया।
कलात्मकता या फिजूलखर्ची?
इस घटना ने एक बार फिर सवाल खड़े किए हैं कि कला की असली परिभाषा क्या है। क्या यह पैसा कमाने का जरिया है, या विचारों और भावनाओं की अभिव्यक्ति? मौरिजियो कैटेलन का यह केला पूरी दुनिया को यह सोचने पर मजबूर करता है कि कला में कीमत की अहमियत है या उसके पीछे छिपे विचार की।
अंततः, 52 करोड़ रुपये का यह केला आधुनिक कला की दुनिया में एक मिसाल बन गया है। चाहे इसे लोग समझें या न समझें, लेकिन इसने चर्चा का नया विषय जरूर बना दिया है
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