अमेरिका के प्रभुत्व को चुनौती देते हुए भारत ब्रिक्स के माध्यम से एक नई रणनीति अपना रहा है। भारत ने रूस से तेल खरीदने पर अमेरिकी धमकी को दरकिनार करते हुए, अब डॉलर पर निर्भरता कम करने के लिए वोस्ट्रो खाते खोलने की अनुमति दी है।
नई दिल्ली: दुनिया के चौधरी बने फिर रहे अमेरिका के दिन अब लदने वाले हैं। दूसरी बार अमेरिका की सत्ता संभालने वाले राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को ये लगा था कि वो पूरी दुनिया में अपनी बात मनवा लेंगे। मगर, उनकी यह कोशिश नाकाम हो चुकी है। ट्रंप बार-बार अपने मंसूबे में फेल हो रहे हैं। उन्होंने भारत और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को अपना अच्छा दोस्त बताने के बावजूद 50 फीसदी टैरिफ लगाकर अचानक गच्चा दे दिया। वहीं, रूस से तेल न खरीदने को लेकर धमकियां भी दे डाली थी। ऐसे में भारत ने भी खुद को संप्रभु राष्ट्र बताते हुए ट्रंप को साफ कर दिया था कि हम झुकने वालों में से नहीं हैं। अब इससे एक कदम और आगे जाकर भारत ने ब्रिक्स के रूप में नई चाल चल दी है।

भारत ने ऐसा क्या कर दिया, जिससे परेशान अमेरिका
दरअसल, ट्रंप के 50 फीसदी टैरिफ के जवाब में भारत ने भी चुपचाप एक चाल चल दी। नवभारत टाइम्स पर छपी एक रिपोर्ट के अनुसार, भारत ने बैंकों को बिना पूर्व अनुमति के और अधिक वोस्ट्रो खाते खोलने का निर्देश दिया गया है। वेबसाइट watcherguru पर छपी रिपोर्ट के हवाले से ये बताया गया था कि हाल ही में रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया ने कहा है कि बैंक अब दूसरे देशों के आयात-निर्यात व्यवसायों को विशेष वोस्ट्रो खातों के माध्यम से रुपये में व्यापार निपटान की अनुमति दे सकते हैं। विश्लेषकों का कहना है कि इस कदम से अंतरराष्ट्रीय बाजारों में डॉलर के प्रभुत्व में गिरावट और तेज हो सकती है। अमेरिकी की बड़ी परेशानी की वजह यही है।



