PM Narendra Modi ने शुक्रवार को त्रिनिदाद और टोबैगो की संसद के संयुक्त सत्र को संबोधित किया। अपने ऐतिहासिक भाषण के दौरान पीएम मोदी भावुक हो गए जब उन्होंने स्पीकर की कुर्सी पर लिखा एक खास संदेश पढ़ा— “भारत के लोगों की ओर से त्रिनिदाद और टोबैगो के लोगों के लिए”।
उन्होंने कहा, “यह कुर्सी सिर्फ एक फर्नीचर का टुकड़ा नहीं है, बल्कि भारत और त्रिनिदाद और टोबैगो के बीच दोस्ती, विश्वास और मजबूत लोकतांत्रिक रिश्ते का प्रतीक है। इस संदेश को पढ़कर मेरे मन में गहरी भावनाएं उमड़ पड़ीं।”
ऐतिहासिक भाषण: PM Modi बोले- पहला भारतीय प्रधानमंत्री होने पर गर्व
PM Narendra Modi ने कहा, “मैं इस प्रतिष्ठित सदन में बोलने वाला भारत का पहला प्रधानमंत्री बनकर बेहद गर्वित महसूस कर रहा हूं।” उन्होंने इस देश की लोकतांत्रिक परंपराओं की सराहना की और कहा कि यहां की जनता ने दो महान महिला नेताओं—राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री—को चुना है, जो खुद को प्रवासी भारतीयों की बेटियां मानती हैं और अपनी भारतीय विरासत पर गर्व करती हैं।
लोकतंत्र भारतीयों के लिए सिर्फ प्रणाली नहीं, जीवन का तरीका है
PM Narendra Modi ने अपने भाषण में भारतीय लोकतंत्र की गहराई को रेखांकित करते हुए कहा, “हम भारतीयों के लिए लोकतंत्र सिर्फ एक राजनीतिक मॉडल नहीं, बल्कि जीवन जीने का एक तरीका है।” उन्होंने यह भी बताया कि इस संसद में कुछ ऐसे सदस्य मौजूद हैं जिनके पूर्वज भारत के बिहार राज्य से आए थे, जो प्राचीन काल के महाजनपदों—गणराज्यों की भूमि—से हैं।
PM Modi बोले- 180 साल पहले भारतीयों ने शुरू की थी यह ऐतिहासिक यात्रा
PM Narendra Modi ने त्रिनिदाद और टोबैगो में भारतीय समुदाय के योगदान को याद करते हुए कहा, “करीब 180 साल पहले भारतीय समुद्र पार एक लंबी और कठिन यात्रा के बाद इस धरती पर पहुंचे थे। उन्होंने राजनीति, कविता, क्रिकेट और वाणिज्य जैसे हर क्षेत्र में अपनी पहचान बनाई। भारतीय संगीत की धुनें कैरेबियाई लयों में घुल-मिल गईं और एक नई सांस्कृतिक धरोहर का जन्म हुआ।”
इंडीज क्रिकेट टीम के भी हैं भारतीय फैन
प्रधानमंत्री ने क्रिकेट के प्रति भारतीयों के जुनून का जिक्र करते हुए कहा, “भारतीय, वेस्टइंडीज क्रिकेट टीम के सबसे बड़े समर्थकों में से हैं—बस जब वे भारत के खिलाफ न खेल रहे हों।”



